कंप्यूटर की पीढ़ियां (generation of computer)
कंप्यूटर के बदलते हुए टेक्नोलॉजी के समय को जेनरेशन अर्थात पीढ़ी कहते हैं मित्रों वर्तमान समय में कंप्यूटर के विकास को तकनीकी के आधार पर पांच generation में बांटा जा सकता है
First Generation Computer
स्पीडी का समय 1946 से 1954 तक माना जाता है प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था इस पीढ़ी के कंप्यूटर पुराने यांत्रिक यंत्रों से अधिक तीव्र थे किंतु इसमें बहुत सी कमियां भी थी जैसे इनका आकार बहुत बड़ा था यह बहुत अधिक पावर ग्रहण करते थे और गर्मी उत्पन्न करते थे यह काफी मांगे पढ़ते थे इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय नहीं थे इस पीढ़ी के प्रमुख कंप्यूटरों के नाम निम्नलिखित हैं
ENIAC
EDSAC
EDVAC
ENIAC सन 1946 ईस्वी में प्रथम आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ENIAC का विकास हुआ इस कंप्यूटर का विकास द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान कंप्यूटर का निर्माण JP eckert and john mauchly ने किया था यह विश्व का प्रथम सामान्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब लगी थी जिनमें प्रत्येक का आकार एक विद्युत बल्ब के बराबर था यह 30 अलग-अलग इकाइयों से मिलकर बना था इसका भार 30 टन था तथा यहां 18 वर्ग फिट स्थान देता था 140 किलो वाट विद्युत से चलता था और घटनाओं के परिणामों को संगठित करने के लिए 20 विशेष ragister उपयोग किया जाता था जिन्हें accumlator कंप्यूटर में गणना के लिए डेसीमल संख्या पद्धति का उपयोग किया जाता था
Second generation
इस पीढ़ी का समय सन 1954 से 1964 तक माना जाता है इस जनरेशन की शुरुआत ट्रांजिस्टर यंत्र की खोज होने के साथ हुआ ट्रांजिस्टर वेक्यूम ट्यूब की तुलना में काफी छोटे तथा बेहतर होते थे अतः इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया ट्रांजिस्टर के प्रयोग से द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में छोटे गति में अधिक तीव्र तथा विश्वसनीय हो गए इनको बनाने में कम खर्च आता था तथा यह गर्मी भी कम उत्पन्न करते थे इस जनरेशन की कंप्यूटर की अन्य और कई विशेषताएं थी इस पीढ़ी के कंप्यूटर में चुंबकीय और मेमोरी संग्रहण के लिए प्रयुक्त होते थे और असेंबली लैंग्वेज में कार्य किया जाता था
Third Generation
इस पीढ़ी 1964 से किस शुरुआत की शुरुआत 1980 तक माना जाता है इस पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत I C( integrated Circuit) के साथ हुआ अब आई सी के आ जाने के कारण सैकड़ों ट्रांजिस्टर की शक्ति एक छोटी सी आई सी में हो गई इस जनरेशन के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर को हटाकर आईसी लगाया गया जिसके कारण तृतीय जनरेशन के कंप्यूटर द्वितीय जनरेशन के कंप्यूटर के अपेक्षा साइज़ छोटी हो गई कम पावर लेने लगा शक्ति बढ़ गई इसके अलावा इस जनरेशन के कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज का प्रयोग होने लगा.
Fourth generation
इस पीढ़ी का समय सन 1980 से अब तक माना जाता है इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में एकीकृत परिपथ के स्थान बृहद एकीकृत परिपथ (LSIC- large scale integrated circuit) प्रयोग किया गया बृहद परिपथ अति सूक्ष्म होते हैं और सैकड़ों एकीकृत परिपथ एक छोटे से बृहत परिपथ में रखे जा सकते हैं इस कारण बृहद एकीकृत परिपथ एकीकृत परिपथ से भी छोटी होती है सन 1978 में पाया गया कि लाखो ट्रांजिस्टर एकीकृत परिपथ आदि को एक परिपथ में रखा जा सकता है जिसे अति बृहत एकीकृत परिपथ कहते हैं इस परिपथ का उपयोग करने वाले कंप्यूटरों को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाता है आज पाए जाने वाले सभी कंप्यूटर इसी पीढ़ी के कंप्यूटर हैं यह कंप्यूटर बहुत शक्तिशाली हैं जो उच्च मेमोरी तथा उच्च गति के होते हैं आज के कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर से भी अधिक तीव्र हैं इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय और तीव्र गति वाले हैं लेकिन इनमें कुछ कमियां भी हैं जैसे कंप्यूटर में स्वयं बुद्धिमता की कमी है
Fifth generation computer
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर पर आज भी अनुसंधान जारी है इस पीढ़ी के अंतर्गत ऐसे कंप्यूटर के निर्माण का प्रयास चल रहा है जो निर्णय लेने में तथा सोचने की क्षमता भी रखें वृहद(VILSIC) एकीकृत परिपथ क्या स्थान पर अत्यधिक बृहद एकीकृत परिपथ (ULSIC) का प्रयोग करेंगे पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों की मुख्य विशेषता होगी कि उनके द्वारा बुद्धिमान सॉफ्टवेयर का प्रयोग संभव होगा बुद्धिमान सॉफ्टवेयर को केवल यह बताना होगा कि क्या करना है यह बताने की आवश्यकता नहीं रहेगी की कैसे करना है. अतः पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों को हर कार्य के लिए आदेश देने की आवश्यकता नहीं रहेगी यह कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं द्वारा बात से या सामान्य भाषा में आदेश ग्रहण कर सकेंगे यदि अभी तक ऐसे कंप्यूटरों को बनाने में सफलता नहीं प्राप्त हुई है किंग रोबोट कुछ इसी प्रकार के उदाहरण है.
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