आउटपुट डिवाइस क्या है? (What is Output device in Hindi)
आउटपुट डिवाइस क्या है? (What is Output device in Hindi)
आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस होती है जो कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस द्वारा दिए गये निर्देशों को प्रोसेसिंग होने के बाद जिस डिवाइस में उसका परिणाम हार्डकापी के रूप में (प्रिंटर) या सॉफ्ट कॉपी (मॉनिटर) दीखता अर्थात प्रदान करता है वह आउटपुट डिवाइस कहलाता है। कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के आउटपुट डिवाइसेस है।
कुछ आउटपुट डिवाइस प्रकार है।
१- मॉनिटर (Monitor)
२- प्रिंटर (Printer)
३- प्लॉटर (Plotter)
४- मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर(Multimedia Projector)
५- स्पीच सिंथेसिज़ेर्स (Speech Synthesizers )
कुछ आउटपुट डिवाइस प्रकार है।
१- मॉनिटर (Monitor)
२- प्रिंटर (Printer)
३- प्लॉटर (Plotter)
४- मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर(Multimedia Projector)
५- स्पीच सिंथेसिज़ेर्स (Speech Synthesizers )
मॉनिटर या वीडियो डिस्प्ले यूनिट(What is Monitor or VDU):-
मॉनिटर कंप्यूटर का वह आउटपुट डिवाइस है जो डाटा को प्रत्यक्ष प्रस्तुत करता है। यह एक टेलीविज़न की तरह दिखाई देता है। प्रारम्भ में केवल मोनोक्रोम अथवा श्वेत और श्याम मॉनिटर थे। धीरे -धीरे ऐसे मॉनिटर विकसित किये गये जो रंगो को प्रदर्शित कर सकते है। मॉनिटर कई प्रकार के है तथा उनकी प्रदर्शन क्षमता भिन्न -भिन्न है। ये क्षमता एडाफ्टर कार्ड (Adapter Card ) नाम के विशेष सर्किट पर आधारित होते है। कुछ एडाफ्टर कार्ड (Adapter Card ) इस प्रकार है।
- Color Graphics Adapter (CGA)
- Extended Graphics Adapter (EGA)
- Vector Graphics Adapter (VGA)
- Super Vector Graphics Adapter (SVGA)
मॉनिटर पर जो सबसे छोटी बिंदु प्रदर्शित की जाती है पिक्सेल (Pixel ) कहलाती है। वर्टीकल और होरिजेंटल प्रदर्शित किए जाने वाले पिक्सेल मॉनिटर अधिक रेसोलुशन (Resolution ) प्रदान करते है। मॉनिटर रेसोलुशन प्रदर्शन के गुण निर्णय करते है। Resolution अधिक होने से प्रदर्शन का गुण भी बेहतर होता है। कुछ प्रसिद्ध Resolution ८००x६४० पिक्सेल , १०२४x७६८ पिक्सेल , १२८० x १०२४ पिक्सेल है।
मॉनिटर कार्य के आधार पर निम्न प्रकार के होते है
१-सी आर टी(CRT(Cathode Ray Tube ))
२- एल सी डी(LCD(Liquid Crystal Display))
३- एल इ डी (LED (Light Emitting Diode))
४- ओ एल इ डी (OLED (Organic Light Emitting Diode ))
मॉनिटर कार्य के आधार पर निम्न प्रकार के होते है
१-सी आर टी(CRT(Cathode Ray Tube ))
२- एल सी डी(LCD(Liquid Crystal Display))
३- एल इ डी (LED (Light Emitting Diode))
४- ओ एल इ डी (OLED (Organic Light Emitting Diode ))
प्रिंटर (What is Printer in Hindi ):-
प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है। प्रिंटर्स सूचना को स्थाई तौर से पढ़े जाने वाले रूप में प्रस्तुत करते है। यह रिजल्ट्स, प्रोग्राम्स और डाटा का प्रिंटेड(हार्डकॉपी) आउटपुट प्रस्तुत करता है।
प्रिंटर्स को दो भागो में वर्गीकृत किया गया है।
प्रिंटर्स का वर्गीकरण(Classification of Printers in Hindi)
१- इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer ):-
इम्पैक्ट प्रिंटर एक एलेक्ट्रोमैनिकल मैकेनिजम (Electromechanical Mechanism )का इस्तेमाल करते है जो हैमर्स या पिन्स(Pins) को एक रिबन पेपर पर स्ट्राइक करते है जिससे टेक्स्ट प्रिंट हो। दो तरह के इम्पैक्ट प्रिंटर उपलब्ध है। १ -डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर २- लेटर क्वॉलिटी प्रिंटर
२- नॉन- इम्पैक्ट प्रिंटर (Non-Impact Printer):
नॉन - इम्पैक्ट प्रिंटर थर्मल(Thermal), केमिकल(Chemical), इलेक्ट्रोस्टेटिक (Electrostatic) लसरबीम (Laser beam), या इंक्जेक्ट टेक्नोलॉजी (Inkjet Technology ) का प्रयोग टेक्स्ट प्रिंट करने के लिए करते है। आमतौर पर एक नॉन-इम्पैक्ट टाइप का प्रिंटर इम्पैक्ट टाइप के प्रिंटर से प्रिंट करने की स्पीड अधिक होती है।
लेजर प्रिंटर(Laser Printer):-
लेज़र प्रिंटर नॉन-इम्पैक्ट वर्ग के प्रिंटर के अन्तर्गत आता है। ये एक पेज एक बार में प्रिंट करते है। इस तरह के प्रिंटर्स लेजर या कोई अन्य लाइट सोर्स का प्रयोग करते है ताकि एक फोटो सेंसिटिव ड्रम पर एक इमेज बनाई सके। कंप्यूटर लेजर बीम कण्ट्रोल करते है जिससे ऑन या ऑफ किया जा सके, जब इसे ड्रम के आगे/पीछे भेजा जाता है। रास्टर स्कैन सिद्धांत को मानते हुए एक इमेज बनाई जाती है। लेजर एक्सपोज्ड क्षेत्र टोनर को आकर्षित करते है। (टोनर प्रकार का एक इंक पाउडर होता है ) इसके बाद ड्रम टोनर को पेपर पर ट्रांसफर कर है देता है। इसके बाद पेपर फियूजिंग स्टेशन(Fusing Station) की ओर जाता है जहा टोनर को हिट या प्रेशर द्वारा स्थाई रूप से पेपर पर फ्यूज कर दिया जाता है। इसके बाद ड्रम को डिस्चार्ज क्लीन कर दिया जाता है। अब ड्रम अगले पेज की प्रोसेसिंग के लिए तैयार हो जाता है। लेजर प्रिंटर शांत होते है और ये हाई क्वालिटी का आउटपुट प्रस्तुत करते है। ये प्रिंटर्स महंगे होते है और इन्हे पीरियाडिक मेन्टेन्स (Periodic Maintenance) की जरूरत पड़ती है। लो स्पीड वाले लेजर प्रिंटर १० पेज अधिक प्रति मिनट प्रिंट कर सकता है , और इन्हे माइक्रो कंप्यूटर के साथ प्रयोग किया जाता है। हाई स्पीड वाले लेजर प्रिंटर ३०० पेजेज प्रति मिनट तक प्रिंट कर सकता है और इन्हे मिनी और लार्ज कंप्यूटर के साथ प्रयोग किया जाता है इन्हे मुख्य रूप से डेस्कटॉप पब्लिशिंग के काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
प्लॉटर क्या है ?(What is Plotters?):-
प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस है। इन्हे सही और अच्छी क्वालिटी के ग्राफ़िक्स एवं ड्रॉइंग्स , कंप्यूटर के कण्ट्रोल के अंतर्गत , प्रस्तुत करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये ग्राफ़िक्स या ड्राइंग बनाने के लिए इंकपेन या इंकजेट प्रयोग किया जाता है। सिंगल या मल्टी कलर पेन का प्रयोग किया जा सकता है।
मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर क्या है ? (What is Multimedia Projector?):-
मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर एक आउटपुट डिवाइस है जो एक कंप्यूटर से जुडी होती है और इसका प्रयोग कंप्यूटर से सूचना को एक बड़ी स्क्रीन (कपड़े स्क्रीन या दीवार )पर प्रोजेक्ट करने के लिए किया जाता है। इस तरह के सूचना को बहुत सारे लोग एक साथ देख सकते है। इसे व्यापक तौर पर प्रजेंटेशन देने के लिए किया जाता है।
एक कंप्यूटर पर ऑडियो , वीडियो , इमेज और एनीमेशन तैयार किए जा सकते है और मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर का प्रयोग करके पेरजेंटेशन को अधिक जीवंत रोचक बनाया जा सकता है।
स्पीच सिंथेसाइज़र क्या है ?(What is Speech Synthesizer?):-
स्पीच सिंथेसाइज़र एक आउटपुट डिवाइस है जो टेक्स्ट डाटा को बोले जाने पर वाक्यों में बदल देता है। और स्पीच प्रस्तुत करने के लिए बेसिक साउंड यूनिट( Basic Sound Units ) जिन्हे phonemes में जोड़ा जाता है , उसे Amplify किया जाता है और कंप्यूटर से जुड़े एक स्पीकर द्वारा आउटपुट किया जाता है।
स्पीच सिंथेसाइज़र , अंधे और गुंगे लोगो के इलाज में , व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
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